इश्क एक दरिया है अगर तुम पार ना हो सके तो डूब जाओगे खुद को कोसने लगोगे वहां आंसू बहाओ गे फिर जहां से चले थे फिर उसी जगह लौट जाओगे
इशारों से काम चलेगा नहीं अब इजहार तुमको करना ही होगा नहीं तो चाहत की गलियां दूर हो जाएंगी उनका प्यार पाना है तो संभलना ही होगा