तुम इंकार कर दोगे तो हम लौट जाएंगे खामोश रहोगे जो इस तरह जब तक आपके इरादों को समझ नहीं जाते हैं समझने की कोशिश करते रहेंगे हम यूं ही प्यार तुमसे करते रहेंगे
इश्क की गलियों में हम भिखारी हैं जो भी मिल जाए गुजारा हो जाता है दूसरों की शानों शौकत की तरह चाहत है मगर क्या करें हर किसी का ख्वाब पूरा नहीं होता